तुर्गनेव को रूस के महानतम लेखकों में गिना जाता है। वो एक उपन्यासकार, लघु कथा लेखक होने के साथ ही एक उच्च श्रेणी के नाटककार भी थे। उनकी प्रथम प्रकाशित पुस्तक का शीर्षक था "ए स्पोर्ट्समैंस स्केचेस" जो की १८५२ में प्रकाशित हुई थी। रूसी यथार्थवाद की क्ष्रेणी में इस पुस्तक को मील का पत्थर माना जाता है।
उनके लिखे "फादर्स ऐंड सन्स" को १९वीं शताब्दी के महानतम साहित्यिक उपलब्धियों में गिना जाता है।
उनके पिताजी, सर्गेई निकोलाविच तुर्गनेव रूस की फ़ौज में कर्नल थे। उनको बहुत सी स्त्रियों से सम्बंध बनाने की आदत थी। इवान तुर्गनेव की माताजी, वर्वारा पेट्रोवना लुटोविनोवा एक धनी उत्तराधिकारिणी थी। माताजी का बाल्यकाल कठिनाई में व्यतीत हुआ था और विवाह में भी उन्होने बहुत दुख भोगे थे।
जब इवान १६ बरस के थे उनके पिता का निधन हो गया। उनकी मान उनको और उनके भाई निकोलस के साथ बहुत बुरा व्यवहार करती थी। इवान का बायकाल अकेले ही व्यतीत हुआ था क्योंकि उनको हमेशा ही अपनी माताजी का दर रहता था। वो उनको प्रायः पीटा करती थी।
एक सभ्य महानुभाव के पुत्र होने के नाते उनकी स्कूल की शिक्षा अच्छी तरह पूरी हुई और फिर इवान ने एक बरस मॉस्को विश्वविद्यालय में अध्ययन किया और फिर सैंट पीटर्ज़्बर्ग विश्वविद्यालय में १८३४ से १८३७ तक पढ़ाई की। उनका मुख्य ध्यान उच्च साहित्य, रूसी साहित्य, और फीलोलोज़ी पर केन्द्रित था।
इवान तुर्गनेव की महान कथायें
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इवान तुर्गनेव के बारे में
स्वाभिमान का मालिक
देने वाला
आंसू की दो बूंदें
प्रेम