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चार कोस का चाँद

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चार कोस का चाँद' मेरा प्रथम काव्य संकलन है। यह प्रथम है इसी कारण यह मेरे हृदय मूल की ध्वनि है। मेरी भावनाओं का काव्यरूपान्तरण है यह पुस्तक। मैंने ये कविताएं लिखते समय काव्य रचना विधि से अधिक अभिव्यक्ति पर ध्यान दिया। इसीलिए इस संकलन में आपको हिंदी,उर्दू के साथ लौकिक भाषा का सामंजस्य मिलेगा। मैं मूल रूप से ब्रजभाषी हूँ, अतः मैंने अपनी बोली कि मिठास भी मिलाई है। मेरा प्रयास रहा है कि मेरे पाठकों को मैं स्वयं से जोड़ सकूँ। पाठक को पढ़ते समय यह भाव आना कि यह तो मेरी ही बात कही गयी है मेरे लिए किसी पुरस्कार से कम नही।

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