'तरंगें - समंदर से एहसास की'
यह पुस्तक हिंदी में प्रस्तुत कुछ कविताओं का संग्रह है | जीवन के एक अनूठे 'आत्म-बोध' अनुभव से गुजरते समय, विभिन्न पहलुओं पर, दिल से उठे भावों को शब्दों में अभिव्यक्त करने की कोशिश है | जहाँ एक ओर 'माताश्री ' और 'पिताश्री' जैसी कविताओं के द्वारा अतीत की सुखद यादों का जिक्र है, वहीं दूसरी ओर 'पैसा और प्रेंम' और 'सच क्या है' जैसी कविताओं में जीवन से उठते सवालों में जूझते हुए विचारों का विस्तृत विवरण है | जहाँ 'रौशनी भरी उल्फत की रात' में 'आत्म-बोध' के अनूठे अनुभव से उपजते भावों का जिक्र है, वहीं 'वो दो रुपये का नोट' में एक असीमित संसार का भाव रसित उल्लेख है|