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NINAAD / निनाद

Ek Kavya Sangrah / एक काव्य-संग्रह

ebook
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'निनाद' काव्य-संग्रह में कवि ने उन्मुक्त होकर अपनी अनुभूतियों को पाठकों की बहुरंगी रूचियों के मद्देनजर इक्यावन कविताओं की सुंदर माला में स्नेहपूर्वक एक-एक करके पिरोया है। किंतु, उसकी लगभग समग्र काव्य-चेतना जननी और जन्मभूमि के इर्द-गिर्द मंडराती रहती है।

'मां का आंचल', 'जागो बच्चो', 'शहीद के आँसू', 'मृत्यु में प्राण' आदि कविताओं की उद्देश्यपरक व मार्मिक प्रस्तुति हमें भावुकता की पराकाष्ठा पर पहुँचाते हुए भारतीय संस्कृति के मूल-मंत्र 'जननीजन्मभूमिश्चस्वर्गादपिगरीयसी' की याद दिलाती है।

इस काव्य-संग्रह की अनुपम माला में अनेक खूबसूरत पुष्प खिलते हैं और अपना सुगंध फैलाते हैं। कहीं प्रेम के दीप जगमगाते हैं तो कहीं विरहाग्नि की तपिश तड़पाती है। कहीं देश की सामाजिक-प्रशासनिक विद्रूपताओं पर कुठाराघात होता है तो कहीं सोशल साइट्स के प्रति अत्यधिक आसक्ति पर तंज़ कसता है। पर्यावरण के निरंतर होते महाविनाश से आसन्न खतरे 'बरगद का कत्ल' में दृष्टिगोचर होते हैं तो 'प्रेम-धर्म' कविता में सामाजिक समरसता सुंदर तरीके से अभिव्यक्त होती है।

अंत में, 'एक ही मंज़िल' शीर्षक कविता भावना और बुद्धि के बीच स्पष्ट विभाजक-रेखा खींचते हुए परस्पर प्रेम-भावना को तरजीह देने का आगाज़ करती है। कुल मिलाकर यह काव्य-संग्रह पाठकों के दिलों को गुदगुदाने व झकझोरने दोनों में सफल हुआ है।

Formats

  • Kindle Book
  • OverDrive Read
  • EPUB ebook

subjects

Languages

  • Hindi

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