गुफ़्तुगू 'उससे' कर लेता हूँ
दीवाना जो हूँ
दिल की दिल से कह देता हूँ
दीवाना जो हूँ
यही फ़लसफ़ा झलकता है 'ललित' की कविताओं और गीतों में, उनकी नज़्मों और शायरी में, उनकी कहानियों में..
जिंदगी के हर फ़लक को अपने 'कान्हा' पर अटूट विश्वास और आशा-उमंग-उल्सास के खुशरंगों से सजीं इनकी रचनाओं में.. इनकी सहज-सरल, सारगर्भित और परिपक्व लेखन-शैली.. हमारे-आपके, हम-सबके सुख-दुःख की, रिश्ते-नातों में पल-पल करवट बदलते परस्पर-सम्बन्धों की उद्द्वेलित करतीं अपेक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं की कसमसाहट बरबस ही पाठकों के अंतर्मन को अपनेपन का भाव लिए छू जाती है..
यूनियन बैंक मेरठ से सेवानिवृत्त एक लेखक, चित्रकार और सांस्कृतिक-अभिरुचि वाला एक संवेदनशील व्यक्तित्व.. श्री ललित कपूर 'ललित' मेरठ (उ.प्र.) में बेहद ख़ूबसूरत ग्रेटर-गंगा कालोनी के निवासी हैं..
इनके परिवार में इनकी हर रचना की सबसे पहली पाठक और समालोचक की भूमिका निभाती इनकी धर्मपत्नि श्रीमति आभा कपूर, 'ग्लैमलाइट्स' ब्रांड-नाम
से सृजनशीलता और तकनीक के अनूठे समन्वय से निखरी.. सुन्दर, आकर्षक
और कलात्मक-लाइट्स निर्माता इनके बेटे इंजीनियर आदित्य कपूर.. और ThoughtFocus-Blackstone COE, Gurugram में कार्यरत इनकी बिटिया
सुमेधा कपूर हैं।