'कुछ तेरे दिल की, कुछ मेरे दिल की', कुछ तुम्हारे बारे में और कुछ शायर के बारे में है।
यह इंसान, कलाकार, वक़्त और जज़्बात के बारे में है; तुम्हारी और शायर की ज़िंदगी के बारे में है।
रश्मि गुप्ता सिर्फ़ अपना नहीं, औरों के दिल का भी ख़याल रखती हैं। तुम्हारे दिल की बात जो ज़ुबाँ तक ना पहुँच सकी, रश्मि गुप्ता ने लिखकर बयाँ कर दी। इसीलिए, 'कुछ तेरे दिल की, कुछ मेरे दिल की'!