निशा गुप्ता आई-स्पेशलिस्ट हैं और इन्दौर में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रही हैं। इसके साथ वे ए.जी.एम. हेल्थकेयर एंड एजुकेशन सोसाइटी के माध्यम से समाजसेवा के कार्यों में भी संलग्न हैं। लेखिका के तौर पर यह उनकी पहली पुस्तक है।
उनका बचपन नाइजीरिया के डाडिंगकोवा में बीता है। वहाँ उनके पिता डैम के निर्माण हेतु सहयोग प्रदान करने गये थे। वहाँ की पहाड़ियों और जंगलों के बीच घूमते हुए उनका खोजी स्वभाव विकसित हुआ] जिसे उन्होंने अपनी पुस्तक में लिया है। लोगों को और घटनाओं को अलग नजरिए से देखना उन्हें पसंद है।
निशा अपने पति डा. अजय गुप्ता और बच्चों वेदान्त और वेदिका के साथ इन्दौर में रहती हैं।