Error loading page.
Try refreshing the page. If that doesn't work, there may be a network issue, and you can use our self test page to see what's preventing the page from loading.
Learn more about possible network issues or contact support for more help.

Darakht-E-Ehsaas

ebook
2 of 2 copies available
2 of 2 copies available

एक दरख़्त अपने आग़ोश में बहुत सी शाखाएँ लिए रहता है। जिनमें नन्ही कलियाँ एवं हरे-पीले पत्ते भी होते हैं। इन सब की अपनी कहानी होती है। अपना मन और अपना ही ख़ुश रहने का तरीक़ा होता है। इसी तरह इंसानी मन भी एक दरख़्त की भांति अपने छोटे-छोटे कोनों में इस तरह की शाखाएँ रखता है जो हरे पत्ते व कलियों के रूप में हर छोटी-बड़ी याद को अपने में समेटे हुए रहती हैं। कुछ इन्हीं बातों को अपने में समेटे हुए ये काव्य संग्रह आपको सभी को उसी दुनिया में लिए जायेगा, जिस दुनिया में लेखिका ने 'दरख़्त-ए-एहसास' को लिखा था।

-

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मी युवा हिन्दी लेखिका शताक्षी शर्मा 'आराधना' श्री रमेश कुमार शर्मा - श्रीमती अंजली शर्मा की पुत्री है। शताक्षी शर्मा ने अपने...

Formats

  • Kindle Book
  • OverDrive Read
  • EPUB ebook

subjects

Languages

  • Hindi

Loading