यह कहानी भविष्य के भारत की है, जहा इंसानो ने कुदरत की ताकतों पर प्रभुत्व हासिल कर लिया है. अब इंसान ऑक्सीजन खुद बना सकता है. भूकंप, बाढ़, त्सुनामी, तूफान इंसानों का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता। इसलिए इंसान अपने आप को भगवान समझ कर कुदरत को अपने मन मुताबिक हानि पहुचाने लगा. जिससे त्रस्त होकर कुदरत इंसानों को मिटाने का फैसला करता है. अपनी हाइटेक दुनिया को बचाने और इंसानी सभ्यता का वजूद बनाये रखने के लिए. एक इंसानों का परिवार कुदरत की अद्भुत, दिव्य दुनिया में accidentally चले जाते है. जहा उन्हें अजीबो-गरीब प्राणी और खतरनाक मुश्किलों का सामना करते हुए कुदरत की दुनिया के महामहिम पंचदेवों से मिलके अपनी दुनिया और इंसानों को बचानेका निवेदन करना है. इन्ही की एक अविस्मरणीय सफर की यह कहानी है. जहा इंसानों का घमंड कैसे चूर-चूर हो जाता है और चूर हुए घमंड को बचाने के लिए इंसान क्या-क्या करते है. यही सब इस कहानी में मिलेगा।
इस कहानी में आपको परिवार का असली मतलब समझ आएगा. बेटे का अपने परिवार के लिए त्याग मिलेगा. तो अपने भटके बच्चें को सही रास्ते लाने के लिए परिवार का लक्ष्मण रेखा पार करना मिलेगा
NOTE: don't judge a book by its cover इस कहानी को एक बार जरूर पढ़े और अपना मौल्यवान review जरूर दीजिये.)