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Raah Ke Patthar (राह के पत्थर)

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डॉ. विकास शर्मा, सी.सी.एस. यूनिवर्सिटी, मेरठ (उ.प्र.) में अंग्रेजी विभाग में प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। उनके निर्देशन में लगभग 20 शोधार्थी डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। प्रो. शर्मा ने अकादमिक जगत् की सर्वोच्च उपाधि डी. लिट्, अमेरिकन रचनाकार एमरसन व हेनरी डेविड थोरो के साहित्य पर प्राप्त की है। विभिन्न शोध-पत्रिकाओं में प्रो. शर्मा के लगभग 50 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। अंग्रेजी साहित्य के अतिरिक्त, हिन्दी साहित्य में अधिकारपूर्वक लिखने वाले प्रो. विकास शर्मा एक श्रेष्ठ कवि भी हैं। उनका यह पहला हिन्दी उपन्यास है। | राह के पत्थर मानवता को जाति-पांति और साम्प्रदायिकता से ऊपर उठाने का प्रयास है। साबिर और चिन्ता एक-दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन समय | को यह स्वीकार नहीं। व्यापार में घाटे के कारण साबिर सायरा से निकाह कर लेता है। सायरा के अब्बु ताहिर हुसैन खंडाला और लोनावाला में जो जमीन खरीदते हैं, वहां साबिर विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाता है। सायरा अपने बच्चे को जन्म देते हुए मृत्यु को प्राप्त हो जाती है और साबिर अपने प्यार विधवा चिन्ता के पास लौट आता है। अंधेरे | से वह अकेले कैसे संघर्ष करता? नया चिराग जलाना अति आवश्यक हैइसी आशा को उपन्यास में महत्त्व दिया गया है।

Formats

  • Kindle Book
  • OverDrive Read
  • EPUB ebook

Languages

  • Hindi

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