About the book:
नेपथ्य में विलाप को मैं भाव की दृष्टि से कविता संग्रह कहने में झिझक महसूस करता हूँ। चूंकि भावनाओं से ओतप्रोत होकर ही इस संग्रह की रचना हुई है इसलिए मैं इस संग्रह को जनमानस की भावना कहने में ज्यादा सहज महसूस करता हूँ। इस जनमानस संग्रह में दर्ज़ पंक्तियों की हिस्सेदारी में विलाप है, हर्ष है, नींद है, स्वप्न है, स्त्रियों की पीड़ाएं हैं, पुरुषों की पुकार है, बालपन का हठ है, उम्रदराज का यथार्थ है, शहरी महिलाओं की बदसूरती है, ग्रामीण स्त्रियों की खूबसूरती है, नदी के बहाव में स्मृतियों के भरते गाँव हैं, प्रेम के कोलाहल में मिलने वाले घाव हैं, माँ का विलाप है, पिता की खामोशी है, एकांत का सुख है, भीड़ का दुख है, मौसमों की नर्मी है, सृष्टि और धरा की गर्मी है, वसंत की पुकार है, प्रेम की वेदना की चीख चित्कार है। नेपथ्य में विलाप अब आप के हिस्से में है। इसकी हिस्सेदारी के आयामों को विस्तार दीजिए।
About the author:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जन्में "विशेक" वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं। विशेक वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर के हिंदी विभाग में हिन्दी पत्रकारिता एवं जनसंचार, स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं।
इनकी दो कहानी संग्रह "सवा इंच प्यार" और "यादों का इतिहासकार" प्रकाशित हो चुकी है।
विशेक नियमित रूप से अखबारों में लिखते आए हैं और इनके लेख और कहानियां पत्रिकाओं में भी छप चुके हैं। अपने दैनिक जीवन में अन्य कार्यों के साथ साथ लेखनी को भी पूरी तवज्जों देते हैं तथा लप्रेक भी लिखते हैं।
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Creators
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Publisher
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Release date
April 29, 2022 -
Formats
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Kindle Book
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OverDrive Read
- ISBN: 9789356106437
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EPUB ebook
- ISBN: 9789356106437
- File size: 3562 KB
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Languages
- Hindi
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