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Title details for और गंगा बहती रही Aur Ganga Bahti Rahi by Devi Nangrani - Available

और गंगा बहती रही Aur Ganga Bahti Rahi

ebook

अपने आस-पास घटने वाली सत्य घटनाओं को लघुकथाओं के माध्यम से देवी नागरानी ने अपने संग्रह के रूप में जन-जन तक पहॅुचाने का बीड़ा उठाया है। नागरानी जी की मातृ भाषा सिंधी होते हुए भी हिन्दी के प्रति उनकी बहूमूल्य सेवाएं हैं। वो दोनो भाषाओं पर समान अधिकार रखती हैं. उन्होंने अपनी ही नहीं देश के ख्यातनाम साहित्यकारों की रचनाओं का सिंधी में भी अनुवाद किया है। निश्चित यह कोई धन कमाने का साधन नहीं है वर्ना सामाजिक दायित्व के निर्वाहन का काम भर है भारत से अमेरिका में रहने के बाद भी वो अपनी मातृ भाषा सिंधी एवं भारतीय भाषा हिन्दी के विकास उन्नयन के लिए सदैव चिन्तित रहती हैं, रचना धर्मिता निभाते रहती है। इस लिए उनका कार्य बहुत ही स्तुत्य हो चला है।

Formats

  • OverDrive Read
  • EPUB ebook

Languages

  • Hindi