रहस्य्मयी स्वप्नों की दुनिया का रास्ता दि लों दिमाग से होकर गुजरता है ....
सोना और जागना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन लेखिका साथ यह प्रक्रिया कई बार रहस्य और रोमांच से भरी होती है जि सका अनुभव इतना गहरा होता है कि वह उन्हें उनके जीवन का एक हिस्सा लगने लगता है। यह एक रात्रि-अनुभव है और कु छेक बार दिन में भी घटित होता है। जागने के बाद वह एहसास उन्हें उस प्रतिबि म्ब की तरह लगता है जैसे की वह दर्पण के एक तरफ खड़ी हैं और वह एहसास एक चलचित्र की भांति दर्पण की दूसरी छोर पर खड़ा हो। हर बार वे एक अंशरुपी सच्चाई के साथ कुछ ऐसी चीज़ों का भी अनुभव करती हैं जो उनके साथ प्रत्यक्ष रूप से जुडी नहीं है। फिर वह कै से निन्द्रावस्था में स्वप्न बनकर उनकी सहभागी बन जाती है! उनके लिए यह एक रहस्य्मयी परिस्थिति है जिसमे वे हर बार एक अलग कि रदार में नज़र आती हैं। इन सारी परिस्थिति यों में जो एक बात सही है, वह है उनके स्वभाव में रहस्य्मयी चीज़ों को समझने की उत्कंठा.... तो क्या ये उत्कं ठा ही निन्द्रावस्था का चैन चुरा रही है! इस कि ताब में उनसभी बेचैनी भरे स्वप्नों को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसकि ताब का उद्देश्य है कि मनो रंजन के साथ-साथ मनो वैज्ञानिक विश्लेषण और पूर्व से चले आ रहे स्वप्न -वि चार के धरातल पर
इन स्वप्नों की व्याख्या हो। मनो वैज्ञानिक -शोध में यह पुस्तक उपयोगी साबि त हो सकती है।