यह पुस्तक हमारी शिक्षा प्रणाली के कमजोर हिस्सों की भरपाई करने जा रही है। यूनेस्को के अनुसार, किसी भी प्रभावी शिक्षा प्रणाली के लिए चार स्तंभ हैं। जानकारी अर्जित करना, लक्ष्य प्राप्ति करना, एक योग्य इंसान बनना, और दूसरों के साथ इंसानियत के साथ रहना।
हमारी मौजूदा शिक्षा पद्धति जानकारी अर्जित करने को महत्व देती है। लेकिन अन्य स्तंभों से अनछुआ रखती है।
यह पुस्तक एक ऐसा प्रयास है जिसमें शिक्षा के चारों स्तंभ को मजबूत किया जा सकता है। यह अपने 24 सूत्रों और उनके अंत में ट्रान्सफार्मेटीव प्रश्नों के साथ आपके नजरिये और नजारे को बदल देने की क्षमता रखती है। इस पुस्तक की प्रासंगिकता तब और बढ़ जाती है जब आज का भारत नई शताब्दी में ट्रान्सफार्मेशन और सफलता के बारे में सोचना शुरू कर दिया है।
यह पुस्तक किसी भी विकासशील देश की सरकार और उसके नागरिकों के लिए एक क्रान्तिमय नवनिर्माणकारी संजीवनी है जो निश्चित रूप से पूरे देश की जनता को विकसित व्यक्ति के रूप में नवपरिवर्तित कर पूरे राष्ट्र को विकसित बना देगी।