९ अक्टूबर २०१२ का दिन था. मलाला अपने सहपाठियों के साथ इम्तेहान के दिन स्कूल से घर वापिस आ रही थी. उस स्कूल की स्थापना मलाला के पिता ने की थी.
अचानक एक जगह सड़क पर एक नौजवान ने हाथ हिलाकर बस को रोका और बस के अंदर घुस गया. उसने पूछा, "मलाला कौन है?"
जब बस के अंदर बैठी हुई सभी लड़कियां मलाला की तरफ देखने लगी उस नौजवान ने एक बन्दूक निकाल ली और उसके चेहरे पर गोली दाग दी. उसने दो गोलियां और चलायी और वो गोलियां साथ बैठी लड़कियों को लगी.