कवितायेँ तो हम सब को पसंद होती हैं क्योंकि वे अन्तर्मन की गहराइयों का प्रतिबिम्ब हैं. कविता के ज़रिये आप वह कह सकते है जिसे कहना मुश्किल होता है। "बारिश के परिंदे" शायर "कदम" की ऐसी ही कविताओं का संग्रह है जिनमें उन संवेदनाओं की अभिव्यत्कि है जिन्हें हम खुद से जोड़ सकते हैं – कुछ पंकितयों पर गौर करें तो आप खुद जान पायेंगे की यह संग्रह आप के लिए ही बना है –
अच्छे साहित्यि की पहचान है उसमें मौजूद भावनाओं की गहराई और परास (range). एक साहित्यिक रचना पाठक को उन गलियों से रूबरू कराती है, जिनमें वह कभी गया नहीं और उसकी संवेदनाओं के फलक का विस्तार करती है। यह कविता संग्रह भी आपको अनेक जानी अनजानी संवेदनाओं का एहसास कराते हुए एक ऐसे मकाम पर ले जाता है जहाँ आप खुद अपनी भावनाओं को टटोलते हैं।
बारिश के परिंदे, भाषा और शैली दोनों के स्तर पर एक नया प्रयोग है. शायर कदम ने अपनी अभिव्यकित के लिए ग़ज़ल और कविता का तरल प्रयोग किया है जबकि भाषा वह है जिसे हम बखूबी समझते है.
एक बेहतरीन संग्रहणीय संग्रह.