जीवन कितना नाजुक है? यह कभी-कभी वैसा नहीं होता जैसा आपने सोचा है। मैं गर्भावस्था के अंत में अपनी बेटी को खोने से बस कुछ सेकंड के लिए रह गयी । उसी क्षण से मेरा जीवन पलट गया। स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को समझने में कई साल लग गए कि वास्तव में मेरे साथ क्या हुआ था। पिछले 14 वर्षों की यात्रा एक अर्जित मस्तिष्क की चोट और साथ ही कैंसर को हराकर 3 बच्चों की मां के लिए कठिन रही है।
संकट, निराशा, दुःख, मृत्यु के अनुभवों को बयां करती, जीवन की चुनौतियों को उजागर करती और कैसे एक मानव और एक माँ के रूप में एक नए जीवन को धीरे-धीरे जीना सीखना,यह सब इस कहानी में आपको मिलेगा। असल मायनो में यह एक वास्तविक और खुली कहानी है ।