अपने दो नंबर के व्यापार (ग़ैरक़ानूनी व्यापार) में लिप्त मुरलीराजन को पता ही नहीं लगा कि अपनी विदेश यात्रा से एक ऐसी वस्तु वो अपने साथ लेकर आ रहा है जो केवल उसके मित्रों और उसके शहर के लिए ही नहीं, अपितु पूरे हिन्दुस्तान के लिए पारसमणि का अभिशाप बन जायेगी। मुरलीराजन की तलाश, शहर के बड़े अधिकारियों के लिए एक पेचीदा मामला बन जाती है। इससे पहले कि मुरलीराजन कोरोनावायरस का संक्रमण फैलाता जाए, क्या ये अधिकारी उसको रोक पाने में कामयाब हो सकेंगे? पढ़ें बेहद रोमांचक हिन्दी उपन्यास "कोरोनावायरस को जो हिन्दुस्तान लेकर आया" जो आपको इस सब के बारे में बताएगा।
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वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं हिन्दी लेखक डॉ. भारत खुशालानी (Ph.D) का जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था।...