इस उपन्यास में एक स्त्री और एक साधु के बीच की कहानी में स्त्री के लाल आँचल के टुकड़े का दान ले कर ही उस साधु का सन्यास पूर्ण होता है। कहानी पूरी तरह से आध्यात्मिक है और सांसारिकता से वैराग्य के ओर गमन की कहानी है।
एक और चरित्र इस कहानी को रोचक बनाता है वो है किशोर वय का एक बाल साधु इनके चित्रण में ही उपन्यास की पूरी कहानी है।
लेखक ने एक अभियंता के रूप में अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत की और एक प्रबंधक के रूप में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अतिरित्क इनका परिचय एक ज्योतिषी और लेखक के रूप में भी है।
इन्होंने ज्योतिष से सम्बंधित कार्यक्रम टेलीविजन और विभिन्न | क्षेत्रेश पांडेय संचार माध्यमों से दिए हैं। इनकी ज्योतिष के सम्बन्ध में अंग्रेजी भाषा में लिखी गई पुस्तक 'रेनबो ऑफ टैरो कॉर्ड्स' को देश-विदेश में अच्छी प्रशंसा मिली है।
इसके अतिरिक्त इनकी कहानियाँ और कविताएं नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाओं में छपती रहती हैं।
लेखक की शिक्षा व्यावसायिक रही और उनका कार्य स्थल कॉर्पोरेट रहा जिसका असर उसकी कहानियों में परिलक्षित होता है, साथ ही साहित्य के प्रति प्रेम और एक गहरी समझ का भी परिचय मिलता है।
लेखक अपनी हर कहानी में अपने अलग दृष्टिकोण और आज के परिवेश को चित्रित करने के लिए जाना जाता है।.