भक्ति को मिली मंज़िल
"द मीरा" यह ऑडियो बुक सरश्री की मूल आवाज में बनाई गई है। इसे सुनकर निश्चित ही आप भक्तिमय अनुभव प्राप्त करेंगे।
मीरा कही-सुनी कहानी नहीं बल्कि एक हकीकत है। भक्ति की शक्ति को यदि आकार देना हो तो मीरा का चेहरा, मीरा की भाव मुद्रा और मीरा का तंबूरा (एकतारा) सामने आता है। मीरा की ऐसी प्रतिमा सहज ही आपकी आँखों के सामने आती है लेकिन मीरा इस प्रतिमा से बहुत आगे निकल गई है।
इस ऑडियो बुक द्वारा आप मीरा की अवस्था को न भी समझ पाएँ लेकिन इसे सुनकर भक्ति की एक किरण ज़रूर प्राप्त कर सकते हैं। मीरा का शाब्दिक अर्थ भक्ति नहीं है लेकिन मीरा शब्द से भक्ति ही याद आती है इसलिए भक्ति का दूसरा नाम मीरा है।
इस ऑडियो बुक में भक्त मीरा के जीवन की विविध घटनाओं का वर्णन किया गया है तथा इन घटनाओं के प्रति हमारी समझ क्या हो, इस पर रोशनी डाली गई है। इसके अतिरिक्त इस ऑडियो बुक से आप जानेंगे ः
* भाव के प्रभाव का महत्त्व क्या है
* मीरा का स्वसंवाद, स्वर और स्वसेवा कैसी थी
* स्वयं पर होनेवाले अत्याचार के प्रति, मीरा का प्रतिसाद कैसा था
* मीरा की गुरुभक्ति कैसी थी
* मीरा के विवाह के चार कारण क्या थे
* मीरा के जीवन में हर अत्याचार वरदान कैसे बना
* मीरा की उपस्थिति का लाभ औरों को कैसे होता था
* जीवन में आनेवाली समस्याओं को मीरा किस नज़र से देखती थी