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Rooh

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इधर मुझे जागृति शुक्ला की कविताएँ पढ़ने का सुअवसर मिला. सच कहूँ तो उसकी कविताएँ पढ़ते हुए मुझे लगा- 'किसी अबोध नन्हीं बच्ची ने आगे बढ़कर मेरी उँगली पकड़ ली है और मुझे अपनी निश्चल मासूम निस्पृह उड़ानों के साथ उड़ने के लिए विवश कर दिया है. उड़ाने जो अपनी दिशाएँ स्वयं अन्वेषित कर रही हैं और दृष्टियों की अनायास नई-नई चौखटे खुल रही हैं.' खुसपुसाती है उसकी उन्मुक्त उड़ान मेरे कानों में. निकली हूँ मैं अपने को खोजने, और ढूँढ ढूँढ कर अपनी परिभाषा को, सौंप देना चाहती हूँ उसे और कहना चाहती हूँ- 'यह रही मेरी परिभाषाएँ तुम्हारे लिए, ताकि तुम महसूस कर सको स्वयं को.'.


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Publisher: Anybook

Kindle Book

  • Release date: July 22, 2021

OverDrive Read

  • Release date: July 22, 2021

EPUB ebook

  • File size: 437 KB
  • Release date: July 22, 2021

Formats

Kindle Book
OverDrive Read
EPUB ebook

Languages

Hindi


इधर मुझे जागृति शुक्ला की कविताएँ पढ़ने का सुअवसर मिला. सच कहूँ तो उसकी कविताएँ पढ़ते हुए मुझे लगा- 'किसी अबोध नन्हीं बच्ची ने आगे बढ़कर मेरी उँगली पकड़ ली है और मुझे अपनी निश्चल मासूम निस्पृह उड़ानों के साथ उड़ने के लिए विवश कर दिया है. उड़ाने जो अपनी दिशाएँ स्वयं अन्वेषित कर रही हैं और दृष्टियों की अनायास नई-नई चौखटे खुल रही हैं.' खुसपुसाती है उसकी उन्मुक्त उड़ान मेरे कानों में. निकली हूँ मैं अपने को खोजने, और ढूँढ ढूँढ कर अपनी परिभाषा को, सौंप देना चाहती हूँ उसे और कहना चाहती हूँ- 'यह रही मेरी परिभाषाएँ तुम्हारे लिए, ताकि तुम महसूस कर सको स्वयं को.'.


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